मेरी नैया भवर में फसी है

मेरी नैया भवर में फसी है

जिन्दगी अब तुम्हारे हवाले कोई दूजा सहारा नही माँ,
मेरी नैया भवर में फसी है कोई दीखता किनारा नही माँ

मैं दुखयारी विपदा की मारी द्वार तिहारे आये माँ
खाली झोली भर दे मेरी बैठे आस लगाये माँ
खोल दे माँ नसीबो के ताले
कोई जग में हमारा नही माँ
मेरी नैया भवर में फसी है कोई दीखता किनारा नही माँ

जीने का अधिकार माँ देदो थोडा सा बस प्यार माँ देदो
ऐसा कौन जगत माँ तेरा छोटा सा संसार माँ देदो
बस गले से मुझे माँ लगा ले वरना जीवन गवारा नही माँ
मेरी नैया भवर में फसी है कोई दीखता किनारा नही माँ

हे जगजनी आंबे भवानी किरपा करो हे रानी माँ
हर संकट से बचा के रखना करना माफ नादानी माँ
सदा जीवन में रखना उजाले
वरना कोई सहारा नही माँ
मेरी नैया भवर में फसी है कोई दीखता किनारा नही माँ

Author: Guru Ashish

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

पुत्रदा एकादशी

मंगलवार, 05 अगस्त 2025

पुत्रदा एकादशी
रक्षा बन्धन

शनिवार, 09 अगस्त 2025

रक्षा बन्धन
श्रावण पूर्णिमा

शनिवार, 09 अगस्त 2025

श्रावण पूर्णिमा
कृष्ण जन्माष्टमी

शनिवार, 16 अगस्त 2025

कृष्ण जन्माष्टमी
अजा एकादशी

मंगलवार, 19 अगस्त 2025

अजा एकादशी
हरतालिका तीज

मंगलवार, 26 अगस्त 2025

हरतालिका तीज

संग्रह