शुकर तेरा माँ किवें करां,
मैनु समझ ना आउंदी ए,
मैं मंगदा हां इक तेरे तो,
तू लख लुटाउँदी ए,
मेरी माँ लख लुटाउँदी ए,
मेरी माँ लख लुटाउँदी ए,
शुकर तेरा माँ…..
मेरा शुक्राना बड़ा छोटा ए,
तेरी रहमत काफी वड्डी ए,
मैं हो गया मालामाल नी माँ,
दर झोली जदो दीं अड्डी ए,
मैं दर्शन करने आउंदा हां,
तू गोद बिठाउंदी ए,
मैं मंगदा हां इक तेरे तो,
तू लख लुटाउँदी ए,
मेरी माँ लख लुटाउँदी ए….
मैं जो भी तैथों मंगया ए,
तू रज्ज के झोली पाया ए,
जो मेरे लई माँ ठीक नहीं,
तू प्यार नाल समझाया ए,
जो ठीक हुँदा ओ मेरे लई,
तू आप दे जांदी ए,
मैं मंगदा हां इक तेरे तो,
तू लख लुटाउँदी ए,
मेरी माँ लख लुटाउँदी ए….
मैं प्यार तेरा माँ मंगया सी,
तू चरणा दे नाल लाया ए,
तू सर ते हथ माँ धरया सी,
जग ने जिसनु ठुकराया ए,
इक तू ही जानी जान मईया,
हर गाल समझाउंदी ए,
मैं मंगदा हां इक तेरे तो,
तू लख लुटाउँदी ए,
मेरी माँ लख लुटाउँदी ए….
मैं भेंटा तेरिया सुन्दा हां,
तेरी मूरत मन विच बुन्दा हां,
तेरी हो गयी ऐसी रेहमत माँ,
गुणगान तेरा माँ गाउँदा हां,
जदो मेहर करे मेरी अम्बे माँ,
विद्वान बनाउँदी ए,
मैं मंगदा हां इक तेरे तो,
तू लख लुटाउँदी ए,
मेरी माँ लख लुटाउँदी ए….
Author: Unknown Claim credit