आज अयोध्या की गलियों में नाचे जोगी मतवाला,
अलख निरंजन खड़ा पुकारे देखो दशरथ के दवारा,
राम राम सियाराम बोलो बोलो राम राम सिया राम……

कांधे झोली टांगे बाबा हाथों में फूलों की माला,
झूम झूम कर नाचे जोगी राम के द्वारे मतवाला,
पैर के घुंघरू छम छम बाजे लेकर वैजयंती माला,
अलख निरंजन खड़ा पुकारे देखो दशरथ के दवारा……

अंग भभूति रमाए जोगी तन पे बाघाम्बर सोहे,
जटा जूट वाके सर पे सोहै भक्तों के मन को मोहे,
मस्तक चंदा जटा में गंगा, गले में सर्पों की माला,
अलख निरंजन खड़ा पुकारे देखो दशरथ के दवारा…..

माता कौशल्या द्वार पर आईं अपने राम को गोद लिए,
अति विभोर हो शिव योगी ने, बाल रूप के दर्शन किए,
चले हैं जोगी राम नाम कह कैलाशी शिव कैलाशा,
अलख निरंजन खड़ा पुकारे देखो दशरथ के दवारा

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