अवध में छाई खुशी की बेला ,
लगा है अवध पुरी में मेला।।
राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न,
संग में नाचे हनुमत चेला,
लगा है अवध पुरी में मेला।।
अवध मे छाई खुशी की बेला ,
लगा है अवध पुरी में मेला।।
देश देश से भूपति आये,
राजा और महाराजा आये,
अवध में देखो लगा है झमेला,
लगा है अवध पुरी में मेला।।
अवध मे छाई खुशी की बेला ,
लगा है अवध पुरी में मेला।।
आओ रे आओ नाचो गाओ,
सब मिल करके मंगल गाओं,
अवध में देखो लगा है झमेला,
लगा है अवध पुरी में मेला।।
अवध मे छाई खुशी की बेला ,
लगा है अवध पुरी में मेला।।
Author: देवी हेमलता शास्त्री जी