हमारे राम जी से राम राम कहियो जी हनुमान
हमारे राम जी से राम राम कहियो जी हनुमान

हमारे रामजी से राम राम कहियोजी हनुमान
कहियो जी हनुमान कहियो जी हनुमान

पवन तनय बल पवन समान
बुद्धि विवेक विज्ञान निधि

कौन सो काज कहां जग माही
जो नहीं होत तात तुम पाही

राम काज लगे तब अवतार
सुनतहु भयु पर्वत कर

कनक वरण तन तेज विराज
मनहू एप्रन गिरन कर रारा

सिंह नाद करे बार ही बार
लीलिह्यो नाघव जल निधि खरा

जब लगी आव सीताही देखी
होही काज मोहि हरत विशेखी

हमारे राम जी से राम राम कहिए जी हनुमान
हमारे राम जी से राम राम कहिए जी हनुमान

एकी नहीं नए सबाही गहू मठ
जल उगरत रवि धराही रघुनाथ

बार बार रघुवीर संभले
कारदेव पवन तनय बल भारि

जेही विधि चरण ते हनुमंत
चले उस्गा पाताल तुरंत

जिम अमोघ रघुपति कारू बना
एही भाटी चले हनुमना

नाम लंकानी एक निशिचारी
सोक है चलसी मोहे निंदारी
मुठ कहे कम हाथ पिहानी
रुधीर बमत धारिणी थिनी मणि

हमारे राम जी से राम राम कहिए जी हनुमान
हमारे राम जी से राम राम कहिए जी हनुमान

हमारे राम जी से राम राम कहिए जी हनुमान
हमारे राम जी से राम राम कहिए जी हनुमान

धुनी सबरी उठे सो लंका
जोर पानी कर विनय शशांक

तब रावण हाय ब्रह्म वर दीन्हा
चल विरांचर कहे मोहे चिनहा

विकास हो सके कपि के मारे
तब जाने निश्चय संहारे

टाट मोरे अति पुण्य बहुत
देखे नयन राम दूटा

मंदिर मंदिर प्रति कर सोडा
देखे जहां तह अगनीत जोधा

मुनि सब कथा विभीषण कहि
जेही विधि जनक सूता ताहि हरही

हमारे राम जी से राम राम कहिए जी हनुमान
हमारे राम जी से राम राम कहिए जी हनुमान

तब हनुमंत कहे सुन भरत
दकाही चाहुयु जानकी मात

ब्रकुट विभीषण सकल सुनयि
चल उपवन सुत विदा कराये

देखा मन ही मन करे प्रणाम
बैठे नीति जाट निश धाम

हरि जन जानी अति बाणी
सुजल नयन कुल कावर ढाडी

कनक भूधारा कर शरिर
समर भयंकर अति बलवीर

चला इंद्रजीत अतुलित जोधा
बंधु निधि सूर्य उपज क्रोध

हमारे राम जी से राम राम कहिए जी हनुमान
हमारे राम जी से राम राम कहिए जी हनुमान

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