( तुलसी ममता राम सो, समता सब संसार,
राग नरोश न दोष दुख , दास भये भवपार॥ )

शिव भी जिनका नाम पुकारे,
उनका सुमिरन पार उतारे,
वो है रामजी, हमारे रामजी,
वो है रामजी, हमारे रामजी……

निर्बल का बल, राम हमारे,
गंगा का जल, राम हमारे,
निर्बल का बल, राम हमारे,
गंगा का जल, राम हमारे,
भेद भाव जिनको न भावे,
ऐसे निर्मल राम हमारे,
मन के अहम को जो संघारे,
वो है रामजी, हमारे रामजी……

सबका आदर मान करे जो,
संतो का सम्मान करे जो,
सबका आदर मान करे जो,
संतो का सम्मान करे जो,
इतने सरल और इतने मधुर ना,
बेरी अपमान करे वो,
शरण गए को हरपल तारे,
वो है रामजी, हमारे रामजी……

राम नाम आधार है जिनका,
बाल न बांका होता उनका,
राम नाम आधार है जिनका,
बाल न बांका होता उनका,
उनके सुमिरन में वो बल है,
लड़ जाये तलवार से तिनका,
नाम जिनके पत्थर तारे,
वो है रामजी, हमारे रामजी

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

इंदिरा एकादशी

बुधवार, 17 सितम्बर 2025

इंदिरा एकादशी
घटस्थापना पूजा

सोमवार, 22 सितम्बर 2025

घटस्थापना पूजा
दशहरा

गुरूवार, 02 अक्टूबर 2025

दशहरा
पापांकुशा एकादशी

शुक्रवार, 03 अक्टूबर 2025

पापांकुशा एकादशी
अश्विन पूर्णिमा

मंगलवार, 07 अक्टूबर 2025

अश्विन पूर्णिमा
करवा चौथ

शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025

करवा चौथ

संग्रह