चेला वोही चीज लाना र गुरु ने मंगाई

पहली भिक्षा अन की लाना
नगर बस्ती के पास ना जाना
चलती चक्की तज कर लाना
झोली भर के लाना र गुरु ने मंगाई
चेला वोही चीज……………….

दूजी भिक्षा जल की लाना
कुआं बावड़ी के पास ना जाना
नदी नाला तज कर लाना
कमंडल भर के लाना र गुरु ने मंगाई
चेला वोही चीज…………………

तिजी भिक्षा लकड़ी लाना
झाड़ जंगल के पास ना जाना
अाली सुखी देख के लाना
गट्ठर बांध लाना र गुरु ने मंगाई
चेला वोही चीज………………

चोथी भिक्षा अग्नि लाना
चूल्हा भट्टी के पास ना जाना
कहत कबीर सुन र चेला
ठठेरा भर के लाना र गुरु ने मंगाई
चेला वोही चीज लाना र गुरु ने मंगाई

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

राधा अष्टमी

Wednesday, 11 Sep 2024

राधा अष्टमी

संग्रह