जरा देर ठहरो राम

जरा देर ठहरो राम

जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम
जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है
अभी हमने जी भर के देखा नही है ॥
जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है
अभी हमने जी भर के देखा नही है

कैसी घड़ी आज जीवन की आई ।
अपने ही प्राणो की करते विदाई ।
अब ये अयोध्या हमारी नहीं है ॥
अभी हमने जी भर के देखा नही है ॥
अभी हमने जी भर के देखा नही है

माता कौशल्या की आंखों के तारे।
दशरथ जी के राज दुलारे ।
कभी ये अयोध्या को भुलाना नहीं है ॥
अभी हमने जी भर के देखा नही है ॥
अभी हमने जी भर के देखा नही है

जाओ प्रभु अब समय हो रहा है।
घरों का उजाला भी कम हो रहा है ।
अंधेरी निशा का ठिकाना नहीं है ॥
अभी हमने जी भर के देखा नही है ॥
अभी हमने जी भर के देखा नही है

Author: Unknown Claim credit

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