राम दिया बनवास महल को छोड़के जाती हूं….

यह लो री सासुल कपड़े अपने,
इनको रखना संभाल चुनरिया ओढ़े जाती हूं,
राम दिया बनवास महल को छोड़के जाती हूं….

यह लो री ससुर गहने अपने,
इनको रखना संभाल अंगूठी पहने जाती हूं,
राम दिया बनवास महल को छोड़के जाती हूं….

यह लो री सांचौर जूते चप्पल,
इन को रखना संभाल मैं नंगे पैरों जाती हूं,
राम दिया बनवास महल को छोड़के जाती हूं….

यह लो री सासुर घोड़ा हाथी,
इनको रखना बांध मैं पैदल चलकर जाती हूं,
राम दिया बनवास महल को छोड़के जाती हूं….

यह लो री सासुल बेटा अपना,
इनका रखना ख्याल पति से बिछड़े जाती हूं,
राम दिया बनवास महल को छोड़के जाती हूं….

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी
गुरु गोविंद सिंह जयंती

शनिवार, 27 दिसम्बर 2025

गुरु गोविंद सिंह जयंती
पौष पूर्णिमा

शनिवार, 03 जनवरी 2026

पौष पूर्णिमा

संग्रह