राम की मुंदरी लाये जब हनुमान,
सीता मात गई पहचान,
लंका जाय सिया सुधि लाये,
पवन पुत्र हनुमान,
सीता मात गई पहचान,
सीता मात गई पहचान…..
कहे जानकी सुन हनुमंता,
मेरे दिल में समाई है शंका,
तन छोटा बल इतना निशंका,
किस विध पहुंचा तू गढ़ लंका,
राम दूत हो या कोई कपटी,
रावण के अगवान,
सीता मात गई पहचान,
सीता मात गई पहचान…..
मन में राम का ध्यान लगाया,
सौ योजन में अंग बढ़ाया,
भुज उठा निज बल दिखलाया,
इस विध सिया का शंका मिटाया,
अजर अमर होओ बजरंगी,
सिया ने दिया वरदान,
सीता मात गई पहचान,
सीता मात गई पहचान……
राम दूत हो महा बलकारी,
राम भूल गए याद हमारी,
नैना नीर भरे सिया प्यारी,
दासी को नाथ ने कैसी बिसारी,
प्राण पति मेरे कब आएँगे,
रामचंद्र भगवान,
सीता मात गई पहचान,
सीता मात गई पहचान…..
हनुमत बोले सुनो भवानी,
रामादल की सुनलो कहानी,
कपिदल संग लखन जति ग्यानी,
राम तड़पते विरह में रानी,
मन के धीरज धरो मेरी मैया,
धरो राम का ध्यान,
सीता मात गई पहचान,
सीता मात गई पहचान…..
संकट मोचन शरण हूँ तेरी,
अर्ज सुनो प्रभु करो ना देरी,
मन की आशा पुरो मेरी,
मंगलवार की में दूंगा फेरी,
‘माधोसिंह’ तेरा सच्चे मन से,
करे हमेशा ध्यान,
सीता मात गई पहचान,
सीता मात गई पहचान…..
राम की मुंदरी लाये जब हनुमान,
सीता मात गई पहचान,
लंका जाय सिया सुधि लाये,
पवन पुत्र हनुमान,
सीता मात गई पहचान,
सीता मात गई पहचान…..
Author: Unknown Claim credit