श्री राम राज फिर आया है, मन्दिर वहीं बनाया है
1- रावण था असुरों का राजा,
असत्य झूँठ था उसका काजा ।
मिल गया जब सत्य स्वरुपा ,
रावण को दे दिया धाम अनूपा।।
सदा हुई है सत्य की जीत,
कैसे टूटेगी ये रीत ।।
समय ने फिर दोहराया है (समय वही फिर आया है।) मन्दिर वहीं बनाया है।
2- तीन रंग से बना तिरंगा,
सबसे ऊपर भगवा रंगा।
सत्य सनातन धर्म है ऊपर ( सुंदर)
सारे धर्म है इसके अंदर ।।
कब तक सत्य से भागोगे,
एक ना एक दिन जागोगे ।।
मथुरा काशी बकाया है ,मन्दिर वहीं बनाया है
3- फूलों से सजी है आज अयोध्या,
दीपों से जगमग आज अयोध्या।
खाली न गई भक्तों की कुर्बानी ,
स्वर्णिम अक्षर से लिखी कहानी ।।
(स्वागत) अभिनन्दन सबका करे द्वार पर,
बजरंग बली को मनाया है। (की छाया है)
मन्दिर वहीं बनाया है।
Author: पं. सौरभ कृष्ण शास्त्री