सुनो सुनाएं कथा दोस्तों
त्रेता की श्री राम की।।

बालापन में विश्वामित्र के
सारे संकट टाला था
रक्षा करी यज्ञ की उसने
अपने प्राणों को पाला था।।
पत्थर बनी अहिल्या का
फिर रघुवर ने उद्धार किया
धनुष तोड़कर जनकपुरी में
सीता को स्वीकार किया।।
सुनो सुनाएं कथा…..

मात-पिता के वचन मानकर
राज पाठ प्रभु ने ठुकराये
लक्ष्मण सिया संग रघुराई
नंगे पग गंगा तट आए
उच्च नीच का भेद मिटाकर
केवट को फिर गले लगाया
वन में पर्न कुटी रचकर
फिर तीनों ने कुछ समय बिताया
सुनो सुनाएं,…….

स्वर्ण लगा बनाकर राक्षस ने
सीता का मन मोह लिया
साधु रूप धरकर रावण ने
जनक सुता का हरण किया ।।

पवन पुत्र ने स्वर्ण मई
लंका में आग लगाई थी
दानव दल में श्री हनुमत ने
राम की अलख जलाई थी
सुनो सुनाएं………

वानर सी को लेकर फिर
चला जगत का रखवाला
सिंधू लांघ कर फिर रघुवर ने
लंका में डेरा डाला
रक्षा हीन किया धरती को
रावण का संघार किया
धर्म ध्वजा पहरी जग में।।
सीता का सम्मान किया
सुनो सुनाएं कथा ….

Author: राजेंद्र प्रसाद सोनी

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