राम तुझे जपता रहू मैं तेरी धुन में बैठा रहू,
हालात ऐसे अब तो करो न,
राम जी किरपा करो न राम जी किरपा करो न…

हम को पता तुम सब से बड़े तुम हो बड़े वेय्न्त,
अच्छे बुरे का तुम ही तो फल देते हो तुरंत,
मुझसे न न खफा रहो न हाथ मेरे सिर पे धरो न,
राम जी किरपा करो न…

दूर करो तुम दूर करो ना मोह माया दलदल,
नही करू मैं कपट किसी से नही करू कोई शल,
देख मैं हु बालक तेरा कष्ट मेरे तुम ही हरो न,
राम जी किरपा करो न…

महामंत्र का तेरे स्वामी जो करता उपयोग,
सुख सम्पति घर में आती धन का बने संयोग,
गम की धुप में तडप रहा साया सुख का अब तो करो न,
राम जी किरपा करो न…

माझी बन के तुम ही सब की नैया पार लगाते,
मुश्किल से मुस्किल कारज को तुम आसन बनाते,
मेरे मन की गागर में तुम प्रेम का रस अब तो भरो न,
राम जी किरपा करो न…

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