मैं बालक तू माता शेरावालिये,
है अटूट ये नाता शेरावालिये |
शेरावालिये माँ, पहाड़ा वालिये माँ,
मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ ||

मैं बालक तू माता शेरावालिये,
है अटूट ये नाता शेरावालिये |
शेरावालिये माँ, पहाड़ा वालिये माँ,
मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ ||

तेरी ममता मिली है मुझको, तेरा प्यार मिला है,
तेरे आँचल की छाया में मन का फूल खिला है|
तुने बुद्धि, तुने साहस, तुने ज्ञान दिया
मस्तक ऊँचा करके जीने के वरदान दिया माँ|
तू है भाग्य विधाता शेरावालिये,
मैं बालक तू माता शेरावालिये||

शेरावालिये माँ, पहाड़ा वालिये माँ,
मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ ||

मैं बालक तू माता शेरावालिये,
है अटूट ये नाता शेरावालिये |
शेरावालिये माँ, पहाड़ा वालिये माँ,
मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ ||

जब से दो नैनो में तेरी पावन ज्योत समायी,
मंदिर मंदिर तेरी मूरत देने लगी दिखाई |
ऊँचे पर्वत पर मैंने भी डाल दिया है डेरा,
निशदिन करे जो तेरी सेवा मैं वो दास हूँ तेरा |
रहूँ तेरे गुण गाता शेरावालिये,
मैं बालक तू माता शेरावालिये ||

शेरावालिये माँ, पहाड़ा वालिये माँ,
मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ ||

मैं बालक तू माता शेरावालिये,
है अटूट ये नाता शेरावालिये |
शेरावालिये माँ, पहाड़ा वालिये माँ,
मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ ||

Author: BABLA MEHTA, NAQSH LAYALPURI

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