भोला नंदी पे बैठ के आया रे

भोला भोला करे सारी दुनिया,
भोले सबसे प्यार करे,
भोला नंदी पे बैठ के आया रे करे….

शीश भोले के गंगा विराजे,
उसमे दुनिया नहाया करे,
भोला नंदी पे बैठ के आया रे करे….

माथे भोले के चंदा विराजे,
दुनिया शीश झुकाया करे,
भोला नंदी पे बैठ के आया रे करे…..

गले भोले के नागो की माला,
दुनिया दूध पिलाया करे,
भोला नंदी पे बैठ के आया रे करे…….

हाथ भोले के डमरू सोहे,
डम डम डम डम बाजा करे,
भोला नंदी पे बैठ के आया रे करे…….

हाथ भोले के डमरू सोहे,
इसपे दुनिया नाच करे,
भोला नंदी पे बैठ के आया रे करे…….

संग भोले के गौरा सोहे,
दुनिया दर्शन पाया करे,
भोला नंदी पे बैठ के आया रे करे…….

नीलकंठ पे तेरा है बसेरा,
दुनिया धोक लगाया करे,
भोला नंदी पे बैठ के आया रे करे…….

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी
गुरु गोविंद सिंह जयंती

शनिवार, 27 दिसम्बर 2025

गुरु गोविंद सिंह जयंती
पौष पूर्णिमा

शनिवार, 03 जनवरी 2026

पौष पूर्णिमा

संग्रह