काली कमलिया वाले श्याम मुझे कमली में छुपा लो,
मुझे कमली में छुपा लो, मुझे चरणों में बैठा लो,
काली कमलिया वाले श्याम मुझे कमली में छुपा लो……

तेरे दर्शन की प्यासी,
डोलू मैं आस नीराशी,
पैरों में पड़ गए मोरे छाले,
कृष्ण धरनी से उठा लो,
काली कमलिया वाले श्याम मुझे कमली में छुपा लो……

मुरली तू फेर बजाइए,
बंसी तू फेर बजाइए,
पहले मोहे गाई सुनाईयॊ,
ऐसी बजैयो नंद के लाल मोहे सोती ने उठईयो,
काली कमलिया वाले श्याम मुझे कमली में छुपा लो……

मथुरा में मोहे बुलाईयो,
वृंदावन रास रचईयो,
एसो नचईयो नंद के लाल क जग से प्रीत हटाईयो,

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