मेरे भोले बाबा आ गया तेरा सावन का मेला,
लग रही हरिद्वार में भीड़, आ रहया भगतो का रेला,
भोले डमरू बजादे, इकबे आगे बढ़के,
मेरे भोले बाबा आजा, नन्दी पे चढ़ के…..

भोले तेरे हरिद्वार की महिमा बड़ी न्यारी,
हर साल यहाँ कावड़िया की भीड़ लगे हैं भारी,
ये तो फेरे तेरी माला भोले साँझ तड़के,
मेरे भोले बाबा आजा, नन्दी पे चढ़ के…..

बम बम बोल के ढोल नगाड़े D.J खूब बजाते,
होके मस्त तेरी मस्ती में भोले रंग जमाते,
ये तो नाचे कूदे गावे तेरे पाया में पड़ के,
मेरे भोले बाबा आजा, नन्दी पे चढ़ के…..

तीन लोक के पालन हारी हे शंकर त्रिपुरारी,
सारे जग में तेरे नाम की गूँज रही किलकारी,
ये ‘बेबी’ तेरे भजन लिखे मोह माया छोड़के,
मेरे भोले बाबा आजा, नन्दी पे चढ़ के…..

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