तर्ज – जा रे जा ओ हरजाई

शिव भोले शंकर प्यारे,
भक्तो के है रखवाले,
मन से जो इनको ध्यावे,
भव से ये पार लगावे,
देवों ने इनको पुकारा,
भोले विष पि गए सारा,
अमृत देवों को देकर,
दानव संहारे,
शिव भोले शंकर प्यारे,
भक्तो के है रखवाले…..

शेषनाग की रज्जु बनाई,
सुमेरु के मथनी फेरे,
देवता सारे मिलके,
सागर मंथन होने लगा जब,
अग्नि प्रकटी जल से,
विष्णु मथनी फेरते जाए,
विष उबलने लगा,
तन भी जलने लगा,
विष्णु भगवान को आकर,
कौन बचाए,
शिव भोलें शंकर प्यारे,
भक्तो के है रखवाले,
मन से जो इनको ध्यावे,
भव से ये पार लगावे……

हाहाकार मचा देवो में,
अमृत कैसे बचाए,
ना ये विष में ही मिल जाए,
नारद ने आकर समझाया,
जाओ शिव की शरण में,
शिव ही संकट सारा मिटाए,
सारे नमन करे,
शिव का ध्यान धरे,
शिव भोले विष से ना ये,
सृष्टि जल जाए,
शिव भोलें शंकर प्यारे,
भक्तो के है रखवाले,
मन से जो इनको ध्यावे,
भव से ये पार लगावे……

शिव शंकर ने आकर देखा,
उबल रहा विष सारा,
शिव ने कंठ में विष को उतारा,
नीलकंठ कहलाए शिवजी,
महाकाल कहलाए,
सारे देवो को भी तारा,
शिव को वंदन करो,
इनका पूजन करो,
हम सबको तारो जैसे,
देवो को तारा,
शिव भोलें शंकर प्यारे,
भक्तो के है रखवाले,
मन से जो इनको ध्यावे,
भव से ये पार लगावे……

शिव भोले शंकर प्यारे,
भक्तो के है रखवाले,
मन से जो इनको ध्यावे,
भव से ये पार लगावे,
देवों ने इनको पुकारा,
भोले विष पि गए सारा,
अमृत देवों को देकर,
दानव संहारे,
शिव भोलें शंकर प्यारे,
भक्तो के है रखवाले……

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

जया एकादशी

शनिवार, 08 फरवरी 2025

जया एकादशी
माघ पूर्णिमा

बुधवार, 12 फरवरी 2025

माघ पूर्णिमा
विजया एकादशी

सोमवार, 24 फरवरी 2025

विजया एकादशी
महा शिवरात्रि

बुधवार, 26 फरवरी 2025

महा शिवरात्रि
आमलकी एकादशी

सोमवार, 10 मार्च 2025

आमलकी एकादशी
होलिका दहन

गुरूवार, 13 मार्च 2025

होलिका दहन

संग्रह