तर्ज – ये बंधन तो प्यार का बंधन है
चंदा सिर पर है जिनके,
कानो में कुण्डल चमके,
सर्पो की माल गले में,
गंगा है जटा में जिनके,
ऐसे तो भोला शंकर है,
शंकर को वंदन है,
ऐसे तो भोला शंकर है,
शंकर को वंदन है……
मेरे भोले भंडारी की,
नंदी पे सवारी,
नंदी की सवारी,
लागे हमको प्यारी,
भस्मी रमी है तन पे,
हाथों में डमरू जिनके,
बाघम्बर छाल कमर पे,
त्रिशूल है हाथ में जिनके,
ऐसे तो भोला शंकर है,
शंकर को वंदन है,
ऐसे तो भोला शंकर है,
शंकर को वंदन है……
जब जब ये आँखे खोले,
तो धरती अम्बर डोले,
देव तो क्या ब्रम्हांड भी,
जय शिव शंकर बोले,
मुखड़े पर तेज है दमके,
एक नेत्र ललाट पे जिनके,
रुद्राक्ष भुजंग पे धारे,
तिहुँ लोक है चर्चे जिनके,
ऐसे तो भोला शंकर है,
शंकर को वंदन है,
ऐसे तो भोला शंकर है,
शंकर को वंदन है……
गौरा शंकर की जोड़ी,
कितनी सुन्दर लागे,
इनके दर्शन से,
भाग्य हमारे जागे,
गुण गाता जग ये जिनके,
हम भी दीवाने उनके,
जो भोले भाले मन के,
हृदय में प्रेम जिनके,
ऐसे तो भोला शंकर है,
शंकर को वंदन है,
ऐसे तो भोला शंकर है,
शंकर को वंदन है……
चंदा सिर पर है जिनके,
कानो में कुण्डल चमके,
सर्पो की माल गले में,
गंगा है जटा में जिनके,
ऐसे तो भोला शंकर है,
शंकर को वंदन है,
ऐसे तो भोला शंकर है,
शंकर को वंदन है……
Author: Unknown Claim credit