तर्ज – श्यामा आन बसों वृन्दावन में

हे भोले नाथ दया करके,
अब मुझे बसा लो चरणन में,
हे भोले नाथ दया कर के,
अब मुझे बसा लो चरणन में…..

फल फुल की थाली लायी हूँ,
चरणों में तुम्हरे आयी हूँ,
तुम्हे अपने बसाकर नैनन में,
अब मुझे बसा लो चरणन में,
हे भोले नाथ दया कर के,
अब मुझे बसा लो चरणन में…….

बेल पात की थाली लायी हूँ,
दर्शन को तुम्हारे आई हूँ,
तुम्हे देख लूँ मन के दर्पण में,
अब मुझे बसा लो चरणन में,
हे भोले नाथ दया कर के,
अब मुझे बसा लो चरणन में…….

मैं भंग धतूरा लायी हूँ,
मैं दर दर की ठुकराई हूँ,
मुझे दे दो शरण बस चरणन में,
अब मुझे बसा लो चरणन में,
हे भोले नाथ दया कर के,
अब मुझे बसा लो चरणन में…….

तेरा नाम का सुमिरन करती हूँ,
यही रो रो कर बस कहती हूँ,
तेरे दर्श की प्यास है अखियन में,
अब मुझे बसा लो चरणन में,
हे भोले नाथ दया कर के,
अब मुझे बसा लो चरणन में…….

तेरा प्रेम हमारी पूजा है,
कोई और ना मन में दूजा है,
तुम छिपे हो मन के बगियन में,
अब मुझे बसा लो चरणन में,
हे भोले नाथ दया कर के,
अब मुझे बसा लो चरणन में…….

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

कामिका एकादशी

बुधवार, 31 जुलाई 2024

कामिका एकादशी
मासिक शिवरात्रि

शुक्रवार, 02 अगस्त 2024

मासिक शिवरात्रि
हरियाली तीज

बुधवार, 07 अगस्त 2024

हरियाली तीज
नाग पंचमी

शुक्रवार, 09 अगस्त 2024

नाग पंचमी
कल्कि जयंती

शनिवार, 10 अगस्त 2024

कल्कि जयंती
पुत्रदा एकादशी

शुक्रवार, 16 अगस्त 2024

पुत्रदा एकादशी

संग्रह