होली खेले भोलेनाथ आयो फागण महीना रे,
हाँ रे होली खेले भोलेनाथ आयो फागण महीना रे,
हाँ हाँ रे होली खेले रे सांचाई रे होली खेले,
भोलेनाथ आयो फागन महीना रे…
भर भर रंग गुलाल होली शंकर जी भी खेले रे,
तो डमरू की ताल पे हाँ डमरू की ताल पे,
गौरा जी नाचे रे, होली खेले रे,
होली खेले भोलेनाथ आयो फागन महीना रे…
गौरा जी को देख देख गणपति जी को मन हर्षावे रे,
भोले जी को देख देख गणपति को मन हर्षावे रे,
तो झांझ मंजीरा लेकर रिद्धि सिद्धि नाचे रे होली खेले रे,
होली खेले भोलेनाथ आयो फागन महीना रे…
बैठ मोर पे कार्तिक रंग गुलाल उड़ावे रे,
तो नंदी और मूषक के संग में गण भी नाचे रे होली खेले रे,
होली खेले भोलेनाथ आयो फागन महीना रे…
भर भर केसर की पिचकारी भोले जी ने मारी रे,
तो फागुन की मस्ती भीगे दुनिया सारी रे होली खेले रे,
होली खेले भोलेनाथ आयो फागण महीना रे…
Author: Unknown Claim credit