कभी शिवजी के मंदिर गया ही नहीं

कभी शिवजी के मंदिर, गया ही नहीं,
शिव भक्त कहाने से, क्या फायदा ।
कभी शिवजी के मंदिर, गया ही नहीं,
शिव भक्त कहाने से, क्या फायदा ।।

शिव का ध्यान कभी भी, लगाया नहीं ।
सिर्फ दीपक जलाने से, क्या फायदा ।।

लाख माथे पे अपने, तू चंदन लगा,
बिन पूजा के, कुमकुम का टिका लगा ।
लाख माथे पे अपने, तू चंदन लगा,
बिन पूजा के, कुमकुम का टिका लगा ।।

गुणगान कभी इनका, गाया नहीं,
उपदेश सुनाने से, क्या फायदा ।
कभी शिव जी के मँदिर, गया ही नहीं,
शिव भक्त कहाने से, क्या फायदा ।।

रोज पानी से तन को, तो धोया मगर,
मन के मेल को अब तक, मिटाया नहीं ।
रोज पानी से तन को, तो धोया मगर,
मन के मेल को अब तक, मिटाया नहीं ।।

सच्चा प्रेम ह्रदय में, बसाया नहीं,
रेवा जल में नहाने से, क्या फायदा ।
कभी शिव जी के मँदिर, गया ही नहीं,
शिव भक्त कहाने से, क्या फायदा ।।

दुसरो को तो, धर्म की बातें कहे,
धर्म की राह पर तू, स्वयं ना चले ।
दुसरो को तो, धर्म की बातें कहे,
धर्म की राह पर तू, स्वयं ना चले ।।

सच्चे धर्म का जिसको, ज्ञान नहीं,
ऐसा ज्ञानी कहलाने से, क्या फायदा ।
कभी शिव जी के मँदिर, गया ही नहीं,
शिव भक्त कहाने से, क्या फायदा ।।

Author: संजय चौहान जी

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

मोहिनी एकादशी

गुरूवार, 08 मई 2025

मोहिनी एकादशी
वैशाखी पूर्णिमा

सोमवार, 12 मई 2025

वैशाखी पूर्णिमा
अपरा एकादशी

शुक्रवार, 23 मई 2025

अपरा एकादशी
शनि जयंती

मंगलवार, 27 मई 2025

शनि जयंती
निर्जला एकादशी

शुक्रवार, 06 जून 2025

निर्जला एकादशी
ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा

संग्रह