जय जय नमामि शंकर,
गिरिजापति नमामि शंकर,
जटा जूट भुजंग भयंकर,
महिमा भोलेनाथ की सुनाएंगे,
जय शिव शम्भू बोल बाबा आएंगे,
शम्भो शम्भो बोल बाबा आएंगे…

शिवशंकर कैलाश के वासी,
नाथ सुने सबकी करुणा,
मन की शंका दूर करेगा,
ले बम भोले की शरणा,
सिर पर तेरे हाथ धरेगा,
तेरे सब भण्डार भरेगा,
मन से जो भी ध्यान धरेगा,
कष्ट सभी मिट जायेंगे,
महिमा भोलेनाथ की सुनाएँगे,
जय शिव शम्भू बोल बाबा आएंगे,
महिमा भोलेनाथ की सुनाएँगे,
शम्भो शम्भो बोल बाबा आएंगे…

एक दिन दानव सुर सब मिलकर,
क्षीर सिंधु का मथन किया,
चौदह रतन जो निकले शिरोमणि,
एक एक सब बांट लिया,
अमृत धारण देव किये हैं,
विष का संकट खड़ा किये है,
जहर हलाहल पीकर शम्भो,
नीलकण्ठ कहलायेंगे,
महिमा भोलेनाथ की सुनाएँगे,
जय शिव शम्भू बोल बाबा आएंगे,
महिमा भोलेनाथ की सुनाएँगे,
शम्भो शम्भो बोल बाबा आएंगे…

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