तर्ज – मैं ढूढ़ता हूँ जिनको

मैं हूँ शरण में तेरी हे नाथ डमरू वाले,
दुःख से मुझे उबारो पाँवो में पड़ गए छाले,
मैं हूँ शरण में तेरी हे नाथ डमरू वाले…..

फसीं है भवरो में नैया,
बिच मजधार हूँ मैं,
सहारा दीजिये आकर,
की अब लाचार हूँ मैं,
उठते नही कदम अब,
थक गए है काशीवाले,
मैं हूँ शरण में तेरी हे नाथ डमरू वाले…..

मेरी अरदास सुण लीजे,
सुदी गिरिजापति लीजे,
राह तेरी निहारु मैं,
सहारा आन कर दीजे,
कोई नही है तुम बिन,
पतवार जो थमा ले,
मैं हूँ शरण में तेरी हे नाथ डमरू वाले……

खाके ठोकर हे शिव शम्भु,
कही पथ में ना गिर जाऊ,
तुम्हारा नाम ले ले कर,
यही रस्ते में ना मर जाऊ,
बदनाम होंगे तुम भी,
मेरे नाथ भोले भाले,
मैं हूँ शरण में तेरी हे नाथ डमरू वाले……

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

कालभैरव जयंती

शुक्रवार, 22 नवम्बर 2024

कालभैरव जयंती
उत्पन्ना एकादशी

मंगलवार, 26 नवम्बर 2024

उत्पन्ना एकादशी
मासिक शिवरात्रि

शुक्रवार, 29 नवम्बर 2024

मासिक शिवरात्रि
गीता जयंती

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

गीता जयंती
मोक्षदा एकादशी

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

मोक्षदा एकादशी
दत्तात्रेय जयंती

शनिवार, 14 दिसम्बर 2024

दत्तात्रेय जयंती

संग्रह