मैं किस बिधि तुम्हें मनाऊं कावड़ ले आई ओ भोले….
मेरे हाथ में लोटा गंगाजल ओ भोले,
मैं किस विधि तुम्हें धुलाऊं के कांधे कावड़ है ओ भोले,
मैं किस बिधि तुम्हें मनाऊं कावड़ ले आई ओ भोले….
मेरे हाथ कटोरी चंदन की ओ भोले,
मैं किस विधि तिलक लगाऊं के कावड़ कांधे पर ओ भोले,
मैं किस बिधि तुम्हें मनाऊं कावड़ ले आई ओ भोले….
मेरे हाथ छाबड़िया फूलों की ओ भोले,
मैं किस विधि हार पहनाऊ के कावड़ कांधे पे ओ भोले,
मैं किस बिधि तुम्हें मनाऊं कावड़ ले आई ओ भोले….
मेरे हाथ कटोरा खीर का ओ भोले,
मैं किसी बिधी भोग लगाऊ के कांधे कावड़ है ओ भोले,
मैं किस बिधि तुम्हें मनाऊं कावड़ ले आई ओ भोले….
मेरे हाथ पितांबर लाई हूं ओ भोले,
मैं किसी बिधी तुम्हें उढाऊं के कांधे कांवर है ओ भोले,
मैं किस बिधि तुम्हें मनाऊं कावड़ ले आई ओ भोले….
मेरे हाथ धतूरा बेल पाती ओ भोले,
मैं किसी बिधी तुम्हें चढ़ाऊं के कांधे कांवर है ओ भोले,
मैं किस बिधि तुम्हें मनाऊं कावड़ ले आई ओ भोले….
मेरे हाथ में ढोलक चिमटा है ओ भोले,
मैं किसी बिधी भजन सुनाऊं के कांधे कावड़ है ओ भोले,
मैं किस बिधि तुम्हें मनाऊं कावड़ ले आई ओ भोले….
Author: Unknown Claim credit