न मेरा मंदिर बनता जब भोले का ध्यान धरू

संसार सुंदर शिव से मेरे लीला अपरम पार,
तीनो लोक के स्वामी मेरे महादेव दातार,
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय…..

मन मेरा मंदिर बनता जब भोले का ध्यान धरू,
तन मेरा मंगल होता जब भस्म माथे फेरु,
करुणामयी हैं शंकर मेरे जटा में गंगा धार,
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय…..

शिव की महिमा क्या जाने हम बालक अज्ञानी हैं,
सत्य ही शिव हैं सुंदर भी हम ध्यान यही करते हैं,
मात पिता भक्तों के सारे दुख को करो जी पार,
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय……

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा
योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी

संग्रह