ओ मेला भोले दा,, जय हो, लगता है हरिद्वार,
कावड़िया नच ले रे, बोलदे जय जैकार,
ओ मेला भोले दा, मेला भोले दा…..
नंगे नंगे पाँव चल, बम बम कहता चल,
कावड़ उठा के चल भोले दी,
नीलकंठ द्वारे चल, सारे कष्ट मिटे तेरे,
जय जय बोल डमरू वाले दी,
मन की मुरादे पूरी करे तेरी भोले बाबा,
मन से जरा तू पुकार,
ओ मेला भोले दा….
शिव का जो नाम जपे, भक्तो के काम बने,
महिमा न्यारी शिव धाम की,
गंगा के जो जल भरे, पहले विश्वास करे,
कावड़ लेआये शिव नाम की,
शिव जी दी गली चढ़े, कर्मो का फल मिले,
हो जाए बेड़ा पार,
ओ मेला भोले दा….
लगता है प्यारा प्यारा, गंगा जी का घाट न्यारा,
मंदिरा दी शोभा है निराली,
सौन दा महीना आया, शुभ संदेशा लेआया,
छायी है घटा मतवाली,
भगतो की भीड़ लगे, जगमग ज्योति जगे,
भोले तेरे भरे भंडार,
ओ मेला भोले दा….
नाथो के है नाथ मेरे, भूतनाथ भोलेनाथ,
भरते है झोलिया खाली,
जो भी आया नीलकंठ द्वारे पाए सुख सारे,
लौटया कदे कोई ना खाली,
दुखो को निवारते है, ज़िन्दगी सवारते है,
पूजता है सारा संसार,
ओ मेला भोले दा….
Author: Unknown Claim credit