वो कैलाशी वो अविनाशी
सारी श्रष्टि चलाये
मस्त रहे अपनी मस्ती में
डम-डम डमरू बजाये
वो कैलाशी वो अविनाशी
सारी श्रष्टि चलाये
मस्त रहे अपनी मस्ती में
डम-डम डमरू बजाये
काल भी उसका क्या कर ले
जो जपते नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
बम भोले…
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
बम भोले…
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
बम भोले…
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
बम भोले…
है भोला भाला शिव
जग से निराला शिव
जो भी शरणों में आये
उसको पार लगाये
पापी से पापी को भी
देता है माफ़ी शिव
भंडारी ऐसा खुल के
सब पे दया लुटाये
सुर साज लिए…..
सुर साज लिए गन्धर्व रात दिन
बस ये राग सुनाये
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
बम भोले…
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
बम भोले…
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
बम भोले…
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
विष को पीकर के शिव
अमृत को लुटाता है
जग की भलाई खातिर
क्या से क्या कर जाता है
सारे जहां में शिव
एक सच्चा दाता है
वही आदि और अंत है
वही विधाता है
कष्ट पाप ये…..ओ …
मेरे कष्ट पाप दरिद्र हरो
शिव “गोलू” महिमा गाये
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
बम भोले…
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
बम भोले…
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
बम भोले…
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
गिरीशं गणेशं गले नीलवर्णं
गवेन्द्राधिरूढं गुणातीतरूपम् ।
भवं भास्वरं भस्मना भूषिताङ्गं
भवानीकलत्रं भजे पञ्चवक्त्रम् ॥
शिव शिव शिव शिव कैलाशी
शिव शिव शिव शिव अविनाशी
शिव मनहारी शिव त्रिपुरारी
शिव मुठ्ठी में दुनिया सारी
काँटा काँटा लगे ना कंकर
भजते जो हर हर शंकर
हर हर महादेव…
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
Author: Reshmi Sharma