पालकी आई रे

पालकी आई रे, आई रे, मेरे सज गए रे महाकाल,
भगत सब नाचो रे, गाओ रे, क्या खूब सजे महाकाल,
अपनी प्रजा का हाल जानने निकले हैं महाकाल,
मेरे उज्जैन के सरकार सारे जग के पालनहार…..

पालकी ये सजाई, है शंकर,
बड़ी खूब लुभाई, है शंकर,
म्रग छाल लगाई, है शंकर,
कलिया भी बिछाई, है शंकर,
ओर लगाई है फूलो की लड़ियाँ गोटेदार,
मेरे उज्जैन के सरकार सारे जग के पालन हार……..

सावन ये आया है शंकर,
क्या रंग है लाया है शंकर,
मुझे तूने बुलाया है शंकर,
मेरा मन हर्षाया है शंकर,
ओर उज्जैन में हो रही देखो पुष्पों की बौछार,
मेरे उज्जैन के सरकार सारे जग के पालन हार……

तेरे सामने आए है शंकर,
तुझे शीश झुकाएं है शंकर ,
खूब नाचे गाऐ है शंकर,
ढोल ताशे बजाएं है शंकर,

मिलती रहे तेरे चरणों की ये सेवा बारम्बार,
मेरे उज्जैन के सरकार सरे जग के पालन हार……….

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी
पुत्रदा एकादशी

मंगलवार, 05 अगस्त 2025

पुत्रदा एकादशी
रक्षा बन्धन

शनिवार, 09 अगस्त 2025

रक्षा बन्धन

संग्रह