पार्वती बोली भोले से ऐसा महल बना देना

पार्वती बोली भोले से ऐसा महल बना देना

पार्वती बोली भोले से,
ऐसा महल बना देना,
कोई भी देखे तो ये बोले,
क्या कहना भई क्या कहना।।

जिस दिन से मैं ब्याह के आई,
भाग्य हमारे फुट गए,
पीसत पीसत भंगिया तेरी,
हाथ हमारे टूट गए,
कान खोल के सुनलो भोले,
कान खोल के सुनलो भोले,
अब पर्वत पर ना रहना,
कोई भी देखे तो ये बोले,
क्या कहना भई क्या कहना।।

पार्वती से बोले भोले,
तेरे मन में धीर नहीं,
इन ऊँचे महलों में रहना,
ये अपनी तक़दीर नहीं,
करूँ तपस्या मैं पर्वत पर,
करूँ तपस्या मैं पर्वत पर,
हमें महल का क्या करना,
कोई भी देखे तो ये बोले,
क्या कहना भई क्या कहना।।

सोना चांदी हिरे मोती,
चमक रहे हो चम चम चम,
दास दासियाँ भरे हाजरी,
मेरी सेवा में हरदम,
बिना इजाजत कोई ना आवे,
बिना इजाजत कोई ना आवे,
पहरेदार बिठा देना,
कोई भी देखे तो ये बोले,
क्या कहना भई क्या कहना।।

पार्वती की जिद के आगे,
भोले बाबा हार गए,
सुन्दर महल बनाने खातिर,
विश्वकर्मा तैयार हुए,
पार्वती लक्ष्मी से बोली,
पार्वती लक्ष्मी से बोली,
गृह प्रवेश में आ जाना,
कोई भी देखे तो ये बोले,
क्या कहना भई क्या कहना।।

गृह प्रवेश करवाने खातिर,
पंडित को बुलवाया था,
विश्रवा था बड़ा ही ज्ञानी,
गृह प्रवेश करवाया था,
सुन्दर महल बना सोने का,
सुन्दर महल बना सोने का,
इसे दान में दे देना,
कोई भी देखे तो ये बोले,
क्या कहना भई क्या कहना।।

जिसकी जो तक़दीर है,
बस उतना ही मिलता है,
मालिक की मर्जी के बिन तो,
पत्ता तक ना हिलता है,
तू तो भजन किये जा प्यारे,
तू तो भजन किये जा प्यारे,
इस दुनिया से क्या लेना,
कोई भी देखे तो ये बोले,
क्या कहना भई क्या कहना।।

पार्वती बोली भोले से,
ऐसा महल बना देना,
कोई भी देखे तो ये बोले,
क्या कहना भई क्या कहना।।

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी
गुरु गोविंद सिंह जयंती

शनिवार, 27 दिसम्बर 2025

गुरु गोविंद सिंह जयंती
पौष पूर्णिमा

शनिवार, 03 जनवरी 2026

पौष पूर्णिमा
षटतिला एकादशी

बुधवार, 14 जनवरी 2026

षटतिला एकादशी
मकर संक्रांति

बुधवार, 14 जनवरी 2026

मकर संक्रांति
जया एकादशी

सोमवार, 26 जनवरी 2026

जया एकादशी

संग्रह