पावन महीना सावन का आया है

डमरू वाले हो, भोले भाले हो,
पावन महीना सावन का आया है,
भक्तो ने तुमको मिलकर बुलाया है……

भोले भंडारी तुम दयाकारी,
करते हो नंदी की सवारी,
भगत जो तेरे दर पे आये,
बन जाता वो तेरा पुजारी,
आ जाओ एक बार, भोले भंडारी,
अब तो दर्श दिखा दो,
डमरू वाले हो, भोले भाले हो,
पावन महीना सावन का आया है,
भक्तो ने तुमको मिलकर बुलाया है……

सावन में लगता है तेरा मेला,
भगत तेरा नहीं है कोई अकेला,
वर है देते भोले भंडारी,
पूरी इच्छा होती है सारी,
आते है दौड़े, शम्भु भोले,
दास ने जब भी बुलाया,
डमरू वाले हो, भोले भाले हो,
पावन महीना सावन का आया है,
भक्तो ने तुमको मिलकर बुलाया है……

सब कुछ मिलता दर पे तेरे,
जो भी तुमको मन से पुकारे,
कष्ट सदा हरते हो भगवन,
भव सागर से पार उतारे,
गाते महिमा तेरी भोले,
तुम भी सबकी सुनते हो,
डमरू वाले हो, भोले भाले हो,
पावन महीना सावन का आया है,
भक्तो ने तुमको मिलकर बुलाया है……

Author: Unknown Claim credit

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