हरिद्वार में डंका बाजे कैलाशी पर्वत के राजा

हरिद्वार में डंका बाजे, कैलाशी पर्वत के राजा,
धूम मची है भक्तो की, सावन में लगता तगड़ा नाका,
हरिद्वार में डंका बाजे……

हो भगत तेरे करते तैयारी, सावन में माहौल जमेगा,
भोले के द्वारे चलेंगे, भांग का रगड़ा रोज़ लगेगा,
बम बम डमरू बजे उसका, नंदी की सवारी करता,
धूम मची है भक्तो की, सावन में लगता तगड़ा नाका,
हरिद्वार में डंका बाजे……

आये दीवाने भोले तेरे, घर पे डेरा डाला है,
देता सहारा भक्तो को, मेरा भोला तू मतवाला से,
भगत का पूरा ध्यान रखे, तेरे दर से कोई ना खाली जाता,
धूम मची है भक्तो की, सावन में लगता तगड़ा नाका,
हरिद्वार में डंका बाजे……

हो जब जब सामने आवा भोला, मस्ती में झूम उठे से,
देखे जब भक्तो की टोली, हरिद्वार में जाग उठे से,
भाव भगत का देखे भोला, हिरा मोती ना कोई भाता,
धूम मची है भक्तो की, सावन में लगता तगड़ा नाका,
हरिद्वार में डंका बाजे……

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

अपरा एकादशी

शुक्रवार, 23 मई 2025

अपरा एकादशी
शनि जयंती

मंगलवार, 27 मई 2025

शनि जयंती
निर्जला एकादशी

शुक्रवार, 06 जून 2025

निर्जला एकादशी
ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा
योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी

संग्रह