श्याम तेरा मनमोहक मुखड़ा,
उस पर नैन कमाल,
वाह तेरा क्या कहना,
वाह तेरा क्या कहना,
सिर पे मुकुट ये मणियों वाला,
और घुंघराले बाल,
वाह तेरा क्या कहना,
वाह तेरा क्या कहना……

चमक तेरे चेहरे की जैसे निकली हर दम धुप है,
देखा ना हमने कभी ऐसा प्यारा ये रूप है,
नज़र डाल के कर देता है पूरे सभी सवाल,
वाह तेरा क्या कहना,
वाह तेरा क्या कहना……

तीन बाण वाले तेरी अलग ही निशानी है,
मोरछड़ी की तेरी निराली कहानी है,
जिसके सिर पे घूम जाए वो हो जाता निहाल,
वाह तेरा क्या कहना,
वाह तेरा क्या कहना……

हर दिल को धीरज मिलता तेरे दर पे आते ही,
दीवाना वो बन जाए दर्शनों को पाते ही,
तेरी ये मुस्कान काटती पल में सब जंजाल,
वाह तेरा क्या कहना,
वाह तेरा क्या कहना……

Author: Unknown Claim credit

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