सुना पड़ा दरबार मैया रानी का,
बंद हुआ संसार भय बीमारी का,
सुना पड़ा दरबार मैया रानी का…..

दूर विदेश से यह दुख आया,
कोरोना याको नाम बताया,
हो रही हाहाकार भय बीमारी का,
सुना पड़ा दरबार मैया रानी का…..

सारे जग की तुम रखवाली,
मैया मेरी शेरावाली,
सुन भक्तों की पुकार भय बीमारी का,
सुना पड़ा दरबार मैया रानी का……

जब जब भीर पड़ी भक्तों पर,
कृपा करी मां तुमने सब पर,
तुम दुर्गा कहलाए भय बीमारी का,
सुना पड़ा दरबार मैया रानी का…..

तु ही दुर्गा तु ही काली,
अष्टभुजी मां मेहरा वाली,
तेरे भरोसे संसार भय बीमारी का,
सुना पड़ा दरबार मैया रानी का…..

जैसे मां दुष्टों को मारा,
महिषासुर को तूने संघारा ,
विप्ता मिटाओ आज भय बीमारी का,
सुना पड़ा दरबार मैया रानी का…..

तुमको सुमिरे तुम्हें मनावे,
तेरे चरणों में शीश झुकाए,
जग की पालन हार भय बीमारी का,
सुना पड़ा दरबार मैया रानी का…….

Author: Unknown Claim credit

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