झूठी दुनिया से मन को हटाले,
ध्यान मैया जी के चरणों में लगाले,
नसीबा तेरा जाग जाएगा,
नसीबा तेरा जाग जाएगा।।

सच्चा है दरबार यहाँ माँ अम्बे का,
मिलता है प्यार यहाँ जगदम्बे का।।

झूठे संसार का तो चलन अनोखा है,
पग पग मिले यहाँ धोखा ही धोखा है,
पग पग मिले यहाँ धोखा ही धोखा है,
मान जाएगी तू मैया को मनाले,
ज्योत माँ की तू प्रेम से जगा ले, तू
नसीबा तेरा जाग जाएगा,
नसीबा तेरा जाग जाएगा।।

सच्चा है दरबार यहाँ माँ अम्बे का,
मिलता है प्यार यहाँ जगदम्बे का।।

माल तेरे पास है तो माल तेरा खायेंगे,
हुआ जो ख़तम तो नजर नही आयेंगे,
हुआ जो ख़तम तो नजर नही आयेंगे,
महामाई को तू अपना बना ले,
प्यार माँ का अनूठा है तू पाले,
नसीबा तेरा जाग जाएगा,
नसीबा तेरा जाग जाएगा।।

सच्चा है दरबार यहाँ माँ अम्बे का,
मिलता है प्यार यहाँ जगदम्बे का।।

शेरावाली मैया मेरी ममता की खान है,
भक्तो को प्यार देती बड़ी ही महान है,
भक्तो को प्यार देती बड़ी ही महान है,
हाथ इनका तू सर पे धरा ले,
काम फिर चाहे कुछ भी करा ले,
नसीबा तेरा जाग जाएगा,
नसीबा तेरा जाग जाएगा।।

सच्चा है दरबार यहाँ माँ अम्बे का,
मिलता है प्यार यहाँ जगदम्बे का।।

‘श्यामसुन्दर’ मैया तेरे चरणों का दीवाना है,
सारा जग झूठा सच्चा तेरा माँ ठिकाना है,
सारा जग झूठा सच्चा तेरा माँ ठिकाना है,
मातृदत लो चरणों में लगा ले,
‘लख्खा’ बिगड़ी हुई को बनाले,
नसीबा तेरा जाग जाएगा,
नसीबा तेरा जाग जाएगा।।

सच्चा है दरबार यहाँ माँ अम्बे का,
मिलता है प्यार यहाँ जगदम्बे का।।

झूठी दुनिया से मन को हटाले,
ध्यान मैया जी के चरणों में लगाले,
नसीबा तेरा जाग जाएगा,
नसीबा तेरा जाग जाएगा।।

सच्चा है दरबार यहाँ माँ अम्बे का,
मिलता है प्यार यहाँ जगदम्बे का।।

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