मेरी माँ जगदम्बे मान जाऐ, असां जग नु मना के की लैणा,
मेरी माँ जगदम्बे मान जाऐ, असां जग नु मना के की लैणा,
मेरे मन विच मैया बस जाऐ, असां जग नु बसा के की लैणा,
मेरी माँ जगदम्बे मन जाऐ….

मेरी जगदम्बे दे द्वारे, जेहड़ा भूल के ईक वारी आ जांदा,
ओदे गम मिट जांदे ने सारे, ओह जग विच सब कुछ पा जांदा,
जेहड़ा दिल विच बसा के मैया नु, ओदे प्रेम दी ज्योत जगा लैदां,
बै के मस्ती दे विच सदा, दुनिया तो किनारा पा लैदां
मेरी माँ जगदम्बे मान जाऐ……

सारे जग दीयां खुशीयां ईक पासे, मेरी माँ दा द्वारा ईक पासे,
दुनिया दे नजारे ईक पासे, मेरी माँ दा नजारा ईक पासे,
सारे जग दा चानन ईक पासे, ज्योति उजियारा ईक पासे,
लखा गहरे समुंदर ईक पासे, मेरे दिल दा किनारा ईक पासे,
मेरी माँ जगदम्बे मान जाऐ……

ऐ सिर है अमानत मैया दी, ऐ थाँह थाँह झुकाया नही जांदा,
असीं कीते कोल निभावांगे, असीं नदियां चीर के आवांगे,

असीं अपनी माँ नु मनावांगे, साडे तो जगत मनाया नही जादां,
मेरी माँ जगदम्बे मान जाऐ……

जग रूसदा ऐ ता रुसदा रवे, असां माँ नु अपना बनांना ऐ,
कोई कुछ कहदां ऐ ते कहदां रवे, असां अपनी माँ नु मनांना ऐ,
तेरे नां विच रहके मस्त सदा, तेरे ना विच नचणा गाणा ऐ,

इस दुनिया नु दिल तो भुला के, इस दिल विच माँ नु बसाना ऐ,
इस दिल विच माँ नु बसाना ऐ,
मेरी माँ जगदम्बे मान जाऐ……

इस प्रेम दा भाणा सौखा नहीं, जिंद तली ते धरनी पैदीं ऐ,
घुट जहरा दे पींदे पैंदे ने, गल सबरा दी सहनी पैदीं ऐ,

ओनां इस दुनिया तो की लैणा, जिदा मैया ते एतबार होवे,
ओनु किसे चीज दी कमी नही, माँ दे चरणां विच जिदा प्यार होवे,
मेरी माँ जगदम्बे मान जाऐ……

इक माँ को ही अपना मीत बना, मेरी माँ जो शेरावाली है,
तू अपना आप उसी पे लुटा, मेरी माँ की छट्ठा निराली है,
अगर मिल जाऐ मैया तुझ से, तो मुझको भी मिलवा देना,
तेरी बात अगर हो जाऐ मैया से, तो मेरी भी बात करवा देना,
मेरी माँ जगदम्बे मान जाऐ……

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

षटतिला एकादशी

शनिवार, 25 जनवरी 2025

षटतिला एकादशी
बसंत पंचमी

रविवार, 02 फरवरी 2025

बसंत पंचमी
जया एकादशी

शनिवार, 08 फरवरी 2025

जया एकादशी
माघ पूर्णिमा

बुधवार, 12 फरवरी 2025

माघ पूर्णिमा
विजया एकादशी

सोमवार, 24 फरवरी 2025

विजया एकादशी
महा शिवरात्रि

बुधवार, 26 फरवरी 2025

महा शिवरात्रि

संग्रह