( जितना दिया मेरी माँ ने मुझको,
उतनी मेरी औकात नहीं,
ये तो कर्म है मेरी मईया का,
वरना मुझ में तो कोई बात नहीं। )

तेरे लड़ लग माये बेड़ा पार हो गया,
तेरा सदा लई मैं शुक्र गुजार हो गया।।

लज पत रखी सदा चाहवा कुझ होर ना,
तेरे लेखे लग्गे मेरी, सावा वाली डोर माँ,
तेरे चरणा नाल माये ऐसा प्यार हो गया,
तेरा सदा लई मैं शुक्र गुजार हो गया,
तेरे लड़ लग माये……

मेहरा वंड झोली भरी, बक्शया ए मान तू,
खुशियां च नच्चा माये, होई मेहरबान तू,
चिंतापूर्णी तेरा ऐसा उपकार हो गया,
तेरा सदा लई मैं शुक्र गुजार हो गया,
तेरे लड़ लग माये……

भव सागरा चो सानू कर दित्ता पार ए,
पैर पैर उत्ते साडी रखी माँ ने सार ए,
“मनी” महिमा तेरी तो बलिहार हो गया,
तेरा सदा लई मैं शुक्र गुजार हो गया,
तेरे लड़ लग माये……

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