आदि गणेश मना के,
करा मैं तेरा ध्यान,
तीन गुण बक्शियो, माँ शारदा,
कंठ, ताल, सुर ज्ञान।
दुःख हरण मंगल करण,
श्री गणपति जी महाराज,
प्रथमे निमंत्रण आपको,
मेरे पूरण कीजो काज।
वक्रतुण्ड महा काया,
सूर्या कोटि सम प्रभा,
निर्विघ्नम कुरु में देवा,
सर्व कार्याएषु सर्वदा।
नमो नमो गुरुदेव को,
श्री गणपति जी महाराज,
भरी सभा मेरा कियो,
तेरे हाथ दास की लाज।
आओ जी मनाइए शिव गौरा माँ दे लाल नू,
गौरा माँ दे लाल नू, शिव जी दे बाल नू,
मना च बसायिये, छड्ड जग दे ख्याल नू,
आओ जी मनाइए शिव गौरा माँ दे लाल नू……
फुलां वाले थाला विच, आरती सजा लईए,
रल के मनाईये भोग, लडडुआ दा लै लईये,
पूजिये धेयाइये रूप, तकिये कमाल नू,
मना च बसायिये, छड्ड जग दे ख्याल नू,
आओ जी मनाइए शिव गौरा माँ दे लाल नू……
मथे सिन्दूर गल मोतिया दे हार ने,
चार भुजधारी होये मूसे ते सवार ने,
सीस निभाईये सोहने दींन ते दयाल नू,
मना च बसायिये, छड्ड जग दे ख्याल नू,
आओ जी मनाइए शिव गौरा माँ दे लाल नू……
विघ्न मिटा के लहरा बहरा कर देनगे,
कहे सरजीवन सब ते, खैरा कर देनगे,
फ़िरोज़ आ सुनाईये, कट देनगे झंझाल नू,
मना च बसायिये, छड्ड जग दे ख्याल नू,
आओ जी मनाइए शिव गौरा माँ दे लाल नू……
Author: Unknown Claim credit