खाटू वाले शीश के दानी मैं तो तेरी हुई दीवानी,
श्याम सांवरियां हमने अपनी तेरे नाम लिखी जिंदगानी,
खाटू वाले शीश के दानी मैं तो तेरी हुई दीवानी,
हारे का तू सदा सहारा मुझको तेरा सहारा है ,
तेरे जैसा और न दूजा तू तो सब से न्यारा है,
तुझसे वीर नहीं लसाहनी देख हुई सब को हैरानी,
श्याम सांवरियां हमने अपनी तेरे नाम लिखी जिंदगानी,
खाटू वाले शीश के दानी मैं तो तेरी हुई दीवानी,
तीन वान के धारी कहता तुझको सभी जमाना है,
चक्र खा गए चक्रधारी वान का देख निशाना है,
जिस पल वान चला तूफानी तेरी शक्ति कृष्ण ने मानी,
श्याम सांवरियां हमने अपनी तेरे नाम लिखी जिंदगानी,
खाटू वाले शीश के दानी मैं तो तेरी हुई दीवानी,
शीश काट के दान में दिया तुझसे बड़ा ना दानी है,
दानी वीर कहलाये जग में कहते ज्ञानी ज्ञानी है,
तेरी लीला जिस ने जानी हुआ ख़ुशी से पानी पानी,
श्याम सांवरियां हमने अपनी तेरे नाम लिखी जिंदगानी,
खाटू वाले शीश के दानी मैं तो तेरी हुई दीवानी,
तेरी सूरत पे ये वारि बार बार बलिहारी है,
लीला वाले श्याम धनि की महिमा सब से न्यारी है,
सब की मन की तूने जानी राजा अमर हो गई कहानी,
श्याम सांवरियां हमने अपनी तेरे नाम लिखी जिंदगानी,
खाटू वाले शीश के दानी मैं तो तेरी हुई दीवानी,
Author: Shyam Sakhi Gori Sakshi