गाइये गणपति जगवंदन |
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥
सिद्धि सदन गजवदन विनायक |
कृपा सिंधु सुंदर सब लायक ॥
मोदक प्रिय मुद मंगल दाता |
विद्या बारिधि बुद्धि विधाता ॥
मांगत तुलसीदास कर जोरे |
बसहिं रामसिय मानस मोरे ॥
Author: Guru Ashish
गाइये गणपति जगवंदन |
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥
सिद्धि सदन गजवदन विनायक |
कृपा सिंधु सुंदर सब लायक ॥
मोदक प्रिय मुद मंगल दाता |
विद्या बारिधि बुद्धि विधाता ॥
मांगत तुलसीदास कर जोरे |
बसहिं रामसिय मानस मोरे ॥
Author: Guru Ashish