गजानंद करम कर करम की घड़ी है

गजानंद करम कर करम की घड़ी है,
मेरी जिंदगी हाथ जोड़े खड़ी है,
मुकद्दर की कस्ती भंवर में पड़ी है,
मेरी जिंदगी हाथ जोड़े खड़ी है…..

दर पे तुम्हारे आते रहे हम,
मन मंदिर को सजाते रहे हम,
भजन तेरे सबको सुनाते रहे हम,
तमन्ना यही और दुआ भी यही है,
गजानंद करम कर करम की घड़ी है…..

शिव के दुल्हारे हमे दो सहारा,
भव सागर में दे दो किनारा,
सिवा तेरे है कौन जग में हमारा,
गजानंद ये दुनियां बड़ी मतलबी है,
गजानंद करम कर करम की घड़ी है…..

तुम्हे है पता मेरे हालात क्या है,
मुझे है खबर मेरी औकात क्या है,
अगर हो दया तेरी फिर बात क्या है,
बड़ा तू है और बात तेरी बड़ी है,
गजानंद करम कर करम की घड़ी है…..

Author: डॉ सजन सोलंकी

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह