गणपति को सम्मुख पाएगा

भजन जो भाव से गाएगा,
तेरा दुख दूर हो जाएगा,
देखेगा जो नयनों से मन के,
गणपति को सम्मुख पाएगा….

मन में तेरे भक्ति भाव नहीं,
गिरा आँखों पे पर्दा माया का,
तुझे प्रभु मिलन का चाव नहीं,
क्या करना ऐसी नश्वर काया का,
माया सब धरी रह जाएगी,
तन धूल हो जाएगा,
देखेगा जो नयनों से मन के,
गणपति को सम्मुख पाएगा,
भजन जो भाव से गाएगा……

मन में अपने भक्ति जगाले,
ध्यान भाव और चिंतन से,
सुख सच्चे सारे मन तू पाले,
जपे जा नाम उनका मन से,
भक्ति मन में जगा के जो तू,
नाम चिंतन मन में जगाएगा,
देखेगा जो नयनों से मन के,
गणपति को सम्मुख पाएगा,
भजन जो भाव से गाएगा…..

जीवन सौंप दे चरणों में उनके,
सर्वस्व अपना अर्पण कर दे,
वैसे क्या है तेरा यहाँ रे बंदे,
सब उनका है समर्पण कर दे,
सौंप कर सब चरणों में उनके,
राजीव जीवन तेरा संवर जाएगा,
देखेगा जो नयनों से मन के,
गणपति को सम्मुख पाएगा,
भजन जो भाव से गाएगा…..

Author: © राजीव त्यागी नजफगढ़ नई दिल्ली

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