गणपति मेरे गणपति जग के पालनहार तुम,
विश्व के रचिता तुम्हीं हो गौरा जी के लाल तुम….

प्रथम तुमको जो भी ध्याए रिधि सिद्धी तुमसे पावे,
तेरी शरण में जो भी आवे खाई हाथ कभी ना जाए,
शिव के प्यारे राजदुलारें, देवों के सरताज तुम,
गणपति मेरे गणपति…..

तेरा नाम जो सुमिरे जग में महर करे तू उसपे दाता,
तीनो लोक के तुम रखवाले तुम ही सबके भाग्यविधाता,
निर्बल को बल देने वाले, रखियो सबकी लाज तुम,
गणपति मेरे गणपति…..

मूरख भी तेरे दर पे आए गूंगा भी आवाजें मारे,
हाथ जोड़ कर द्वार खड़े हैं गुनहगार को बक्शनहारे,
ब्रह्मा विष्णु तुमको पूजें, सबसे बड़कर महान तुम,
गणपति मेरे गणपति…..

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