गौरी लाल सब नू निहाल कर

गौरी लाल सब नू निहाल कर

गौरी लाल सब नू निहाल कर दिंदा ऐ,
हल सारे दिलां दे सवाल कर दिंदा ऐ,

सारेया तों पहला सारे पूजा ऐहदी करदे,
हत्थ जोड़ दोवें सिर चरणां च धरदे,
पा के झोली विच खैरा, मालामाल कर दिंदा ऐ…..

श्रद्धा दे नाल जेहड़ा एसनू ध्याउंदा ऐ,
लडुयाँ दा भोग गणपति नूँ लगाउँदा ऐ,
दे के खुशियां सदां लाई, खुशहाल कर दिंदा ऐ…..

मैं कमली कोजी, जिसे कम न जोगी,
आन डिग्गी दर तेरे,
सबनां गल्लां दा मालिक तुहियों, सबै ऐब छुपा लई मेरे

गौरीलाल रखे सदां लाज है देव दी,
बदल है दित्ती रेखा मंदडे नसीब दी,
तू दुखां ते मुसीबतां दी टाल कर दिंदा ऐ…..

Author: Pandit dev Sharma

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