भक्त बुलाते हैं तुझे सब भक्त बुलाते हैं।
हे गणपति गण के नाथ, तुम्हें सब प्रथम मनाते हैं।।
शीश झुकाऊं तुम्हें मनाउँ ध्यान लगाऊँ तेरी,
धूप दीप नैवेद्य चढाऊँ चरण दबाउं तेरी,
सब काम बनादो दीन जनों के नाम जो गाते हैं।।
हे गणपति गण के नाथ……
शिव शंकर कैलाश के वाशी पिता तुम्हारे हैं,
आदि अनादि जगत हितकारी सब के प्यारे हैं,
मां पार्वती के लाल तुम्हें सब भक्त बुलाते हैं।।
हे गणपति गण के नाथ……
सकल सृष्टि के बुद्धि दायक शुभ वर दायक तू,
गज मुख नर तन मूषक वाहन सिद्धि विनायक तू,
आ जाओ गण साथ तुम्हें ” रघुवीर ” बुलाते हैं।।
हे गणपति गण के नाथ……
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