नी मै गणपत गणेश मनावां, मनावां गौरा तेरे लाल नु,
नी मैं जयदेव जयदेव गावां मनावा गौरां तेरे लाल नु।

कारज विच शिव शंकर जी आए,
गौरां मां नाल ले आए।।
नी मैं रिद्धि सिद्धि नु बुलावां बुलावां गोरां तेरे लाल नु।
नी मैं जयदेव जयदेव गांव मनावां गौरां तेरे लाल नु।।

चंदन दी चौंकी था मैं असम लगावां,
घिस घिस चंदन दास तिलक बनावां,
नी मै मरे थे तिलक लगावां,लगावाने गौरांग तेरे लाल नु।
नी मैं जयदेव जयदेव गावां,मनावां गौरां तेरे लाल नु।।

चुन चुन फुलां था मैं हार बनावाने,
लड्डूओं दा मैं भोग मगावां,
नी मैं ये रज भोग लगावां,लगावां गौरांग तेरे लाल नु।
नी मैं जयदेव जयदेव गावां मनावां गौरां तेरे लाल नु।।

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