मस्तक तिलक सजे जय गणपति जय हरे हरे,
जय गणपति जय हरे हरे जय गणपति जय हरे हरे…..
पिता तुम्हारे भोले शंकर,
शीश से गंगा बहे जय गणपति जय हरे हरे,
मस्तक तिलक सजे जय गणपति जय हरे हरे……
माता तुम्हारी पार्वती है,
घर घर धान बटे जय गणपति जय हरे हरे,
मस्तक तिलक सजे जय गणपति जय हरे हरे……
भाई तुम्हारे कार्तिकेय है,
सब वेदों को पढ़े जय गणपति जय हरे हरे,
मस्तक तिलक सजे जय गणपति जय हरे हरे……
बहन तुम्हारी संतोषी मैया,
घर घर दीप जले जय गणपति जय हरे हरे,
मस्तक तिलक सजे जय गणपति जय हरे हरे…..
पति तुम्हारे रिद्धि सिद्धि है,
सर्व ताज सिद्ध करे जय गणपति जय हरे हरे,
मस्तक तिलक सजे जय गणपति जय हरे हरे……
Author: Unknown Claim credit