( नज़रें कर्म से तेरी,
मेरी जिंदगी सँवर गई,
ख़ाली थी झोली मेरी दाता,
जो पल में भर गई। )

मेरे बिगड़े, बना दो काज़,
ओ मेरे, गणपति जी महाँराज,
ओ मेरे, गणपति जी महाँराज,
अब, रख लेना मेरी लाज़,
ओ मेरे, गणपति जी महाँराज,
मेरे बिगड़े, बना दो काज़……..

तुम बुद्धि के दाता हो,
सारे जग के विधाता हो,
हो देवों के सरताज,
ओ मेरे, गणपति जी महाँराज,
मेरे बिगड़े, बना दो काज़………

मुझे तूने सँवारा है,
दिया मुझको सहारा है,
मैं दर पे खड़ा हूँ आज,
ओ मेरे, गणपति जी महाँराज,
मेरे बिगड़े, बना दो काज़……..

माँ गौरां के प्यारे हो,
और शिव के दुलारे हो,
मेरे पूर्ण करो सब काज़,
ओ मेरे, गणपति जी महाँराज,
मेरे बिगड़े, बना दो काज़……..

तेरे दर पे हम आएँगे,
और झूम के गाएँगे,
अभिषेक बिनती करत है आज,
ओ मेरे, गणपति जी महाँराज,
मेरे बिगड़े, बना दो काज़……

Author: Unknown Claim credit

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