रिद्धि सिद्धि के तुम हो दाता

विनती सुनो गणराजा आज मेरी महफिल में आ जाना
महफिल में आना मेरी महफिल में आना,
विनती सुनो गणराजा आज मेरी महफिल में आ जाना॥

रिद्धि सिद्धि के तुम हो दाता,
भक्त जनों के भाग्य विधाता,
शंकर के लाल गणराजा आज मेरी महफिल में आ जाना,
महफिल में आना मेरी महफिल में आना,
विनती सुनो गणराजा आज मेरी महफिल में आ जाना॥

माथे मुकुट गले मोतियन माला,
कानों में कुंडल हाथों में भाला,
मस्तक सिंदूरी गणराजा आज मेरे सत्संग में आ जाना,
विनती सुनो गणराजा आज मेरे सत्संग में आ जाना॥

देवों में इनसे बड़ा ना कोई दूजा,
सबसे पहले होती है इनकी पूजा,
बुद्धि के राजा गणराजा आज मेरे कीर्तन में आ जाना,
सत्संग में आना मेरे कीर्तन में आना,
विनती सुनो गणराजा आज मेरे सत्संग में आ जाना…..

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