बाबे नानका फेर तेरी लोड है जहान नु,
आके समजा दे रब बने बैठे इंसान नु,
की होया जी की होया जी,
आवे न समज न विज्ञान नु,
बाबे नानका फेर तेरी लोड है जहान नु,
सुनिया सुनिया गलियां ने सुना चार चुफेरा,
भज दौड़ वाले बंदे ने भी घरा च लाये डेरा,
ओ तेरे दर दे आशिक भी जांदे वेखा मैं श्मशान नु,
बाबे नानका फेर तेरी लोड है जहान नु,
कुदरत नु साजिया है इस गल दा शुक्र मनाइये,
घर घर दे विच सोग है फिर काहदा जश्न मनाइये,
अल्फाज दी अरजोई बचा ले घर दी कली कली जान नु,
बाबे नानका फेर तेरी लोड है जहान नु,
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